नायरा एनर्जी के देश में 6,750 पेट्रोल पंप हैं। इस कंपनी में रूस की रोसनेफ्ट की 49 फीसदी हिस्सेदारी है। रोसनेफ्ट इस हिस्सेदारी को बेचना चाहती है लेकिन ऊंची कीमत के कारण कोई उसे भाव नहीं दे रहा था। अब उसकी कीमत में कुछ कमी की है। सूत्रों का कहना है कि उसकी इस मामले में रिलायंस के साथ बातचीत चल रही है।

सूत्रों के अनुसार, रोसनेफ्ट ने अब अपनी डिमांड को थोड़ा कम करके 17 अरब डॉलर कर दिया है। लेकिन यह कीमत भी रिलायंस के लिए बहुत ज्यादा है। हालांकि RIL ने इसे बाजार की अफवाह बताया है। लेकिन अगर यह बातचीत सफल होती है, तो रिलायंस भारत की सबसे बड़ी रिफाइनरी कंपनी बन जाएगी। वह इंडियन ऑयल को पीछे छोड़ देगी। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस गुजरात के जामनगर में दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी चलाती है। इसकी क्षमता 68 मिलियन टन प्रति वर्ष है।
रिफाइनिंग कैपेसिटी
नायरा का अधिग्रहण करने से रिलायंस की क्षमता 20 मिलियन टन प्रति वर्ष बढ़ जाएगी। इससे इंडियन ऑयल की 80.7 मिलियन टन की क्षमता से ज्यादा हो जाएगी। इसके साथ ही, रिलायंस का बाजार में दबदबा भी बढ़ेगा। उसे 6,750 पेट्रोल पंप मिलेंगे। अभी रिलायंस के पास जियो-बीपी ब्रांड के तहत 1,700 से ज्यादा पेट्रोल पंप हैं।
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